विभूतियोगो नाम दशमोऽध्यायः

संक्षिप्त में वर्णन।

भगवद् गीता के दसवें अध्याय में, भगवान श्रीकृष्ण ने अपने अनंत रूप का वर्णन किया है। इस अध्याय में उन्होंने अपनी अद्भुत विश्वरूप को अर्जुन को दिखाया है।

भगवान ने अपनी दिव्य स्वरूप की महिमा को दिखाकर अर्जुन को संसार के अद्वितीय स्वरूप का दर्शन कराया है। इस रूप में उनकी असीम शक्ति और विशालता का अर्जुन को विस्मय होता है।

यहां भगवान का दिव्य रूप और उसकी अनंतता, उसकी महानता और उसका अर्थ बताया गया है। यहां उन्होंने अपनी सर्वव्यापकता, संसार के सम्पूर्ण रूपों में अपनी व्यापकता को दर्शाया है।

भागवत गीता के दसवें अध्याय को यथार्थ रूप में मूल स्वरूप में पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें। यहां पर आपको गीता के दसवें अध्याय का संस्कृत और उसका हिंदी अनुवाद मिलेगा। 

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